लेखनी प्रतियोगिता -22-Jan-2023 न्याय और सम्मान
महावीर सिंह को लोग दानवीर सिंह कहकर पुकारते थे। क्योंकि वह पूरे वर्ष दान पुण्य के कार्य में लगा रहता था। वह सज्जन और सीधा-साधा पुरुष था। उसकी पत्नी ललिता लालची क्रोधित स्वभाव की थी। महावीर सिंह के पास सुंदर पत्नी धन दौलत जमीन जायदाद की कमी नहीं थी, कमी थी तो बस एक औलाद की। शहर के बड़े-बड़े डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, कि उनकी पत्नी ललिता कभी भी मां नहीं बन सकती है।
पति को औलाद का सुख देने के लिए ललिता एक तरकीब सोचती है। वह अपनी पूरी योजना महावीर सिंह को नहीं बताती सिर्फ ममता का वास्ता देकर महावीर सिंह को अपने मायके के एक बहुत गरीब परिवार की लड़की से शादी करवा देती है। खुद महावीर सिंह और अपने तलाक की झूठी खबर पूरे गांव में फैला देती हैं। जिससे कि पुलिस कानून का कोई झमेला ना हो। ललिता की पूरी योजना थी, कि महावीर सिंह की नई पत्नी जब मां बन जाएगी, तो उससे महावीर सिंह का बच्चा छीन कर तलाक देकर और उसे कुछ धन देकर हवेली से भगा दूंगी।
महावीर सिंह की नई पत्नी का नाम तुलसी था। तुलसी भोली भाली सीधी सादी अनपढ़ युवती थी। ललिता को पूरी उम्मीद थी कि तुलसी एक पुत्र को जन्म देगी। और वह महावीर सिंह की धन दौलत जायदाद का वारिश होगा। लेकिन तुलसी एक पुत्री को जन्म देती है। पुत्री के जन्म के बाद ललिता पुत्र के जन्म की आस में तुलसी और महावीर सिंह का तलाक करवा कर तुलसी को घर से नहीं भगाती। महावीर सिंह अपनी और तुलसी की बेटी का नाम भारती रखता है। दो बरस के अंदर तुलसी की ममता अपनी बेटी भारती के लिए बहुत बढ़ जाती है।
लेकिन एक सड़क दुर्घटना में महावीर सिंह की मृत्यु हो जाती है। महावीर सिंह की मौत के एक महीने बाद ललिता तुलसी के भाई को बहुत सा धन देकर तुलसी को हवेली से भगा देती है। ललिता तुलसी को उसकी बेटी भारती से भी नहीं मिलने देती।
तुलसी को जब भी भारती की याद आती थी, तो वह हवेली के आसपास या भारती के विद्यालय पहुंचे कर अपनी बेटी भारती को दूर से देखती थी। भारती पूरे जिले में मैट्रिक कक्षा में प्रथम आती है। तो ललिता हवेली में भारती के मैट्रिक में प्रथम आने की खुशी में पूजा और गांव वालों रिश्तेदारों की दावत करती है। इस पूजा और दावत की आड़ में तुलसी को अपनी बेटी भारती से मिलने का मौका मिल जाता है। भारती की बातों से तुलसी को पता चलता है, कि भारतीय पढ़ लिखकर वकील बनना चाहती है।
और उस दिन ललिता पूजा दावत के बहाने भारती की शादी आने वाली बसंत पंचमी को अपने दूर के भतीजे से करने का फैसला सबको सुना देती है। भारती जब शादी से इंकार करती है, तो उसकी पढ़ाई छुड़वा कर ललिता उसे घर में कैद कर देती है।
शादी से एक महीने पहले तुलसी भारती से मिलने जाती है। तो उसे कैद भारती तो नहीं मिलती, लेकिन पुराने नौकर चाकरों से पता चलता है, कि ललिता अपने दूर के मंदबुद्धि भतीजे से भारती की शादी इसलिए करवाना चाहती है, कि जिससे कि महावीर सिंह की पूरी जमीन जायदाद पर उसका अधिकार बना रहे।
अपनी बेटी की जिंदगी बर्बाद होते देख तुलसी का मन बहुत दुखी हो जाता है। और वह अपनी बेटी के जीवन को बचाने के लिए लोगों से मदद की भीख मांगने लगती है। और उसको मदद की उम्मीद भारती के विद्यालय के एक अध्यापक की बातों में नजर आती है। अध्यापक तुलसी से कहता है कि "भारतीय संविधान के अनुसार लड़की की शादी की आयु 18 वर्ष और लड़के की शादी की आयु 21 वर्ष है। इससे कम आयु होने पर माता-पिता या जो भी लड़के लड़की की शादी करवाता है, उसे जेल हो सकती है। और भारती की आयु 15 वर्ष है, उसकी शादी बिल्कुल नहीं हो सकती।"
तुलसी पूछती हैं कि "यह संविधान क्या होता है।" तो भारती के विद्यालय का अध्यापक बताता है कि "भारतीय संविधान के रचेता श्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी हैं। और संविधान पूरे देश को सुचारू रूप से चलाने वाली एक बड़ी पुस्तक है।"
भारती की शादी के दिन तुलसी पुलिस में रिपोर्ट करके ललिता और भारती के दूल्हे के माता-पिता को जेल में बंद करवा देती है। उस दिन भारती को पता चलता है कि तुलसी मेरी असली मां है।
तुलसी भारती को गले लगा कर कहती हैं "प्रणाम श्री भीमराव अंबेडकर जी और भारतीय संविधान को मुझे जीवन में सिर्फ दुख दुख ही मिला है। आज पहला तोहफा भारतीय संविधान ने मुझे मेरी बेटी के रूप में दिया और उसकी वकील बनने की इच्छा का तोहफा बेटी को मिला।"
Vedshree
01-Feb-2023 08:03 AM
बेहतरीन रचना
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अदिति झा
26-Jan-2023 08:08 PM
Nice 👍🏼
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madhura
24-Jan-2023 03:20 PM
nice
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